कामायनी के श्रद्धा सर्ग का पाठ विश्लेषण

कामायनी छायावादी कवि  जयशंकर प्रसाद की सर्वोत्तम कृति है. यह छायावाद ही नहीं आधुनिक हिंदी साहित्य की भी सर्वोत्कृष्ट   रचना है. कामायनी में १५ सर्ग हैं. इसके श्रद्धा सर्ग में प्रसाद की कवि -प्रतिभा सर्वोच्च शिखर पर है. श्रद्धा का सम्पूर्ण व्यक्तित्व प्रसाद की रोमांटिक दृष्टि श्रद्धा के सौंदर्य और प्रेरक व्यक्तित्व के चित्रण में साकार हो उठी है. श्रद्धा अवसाद में डूबे मनु को जीवन का सन्देश देती है और मानवता की विजय कामना के लिए प्रेरित करती है और कर्ममय जीवन का सन्देश देती है. श्रद्धा सर्ग के पाठ विश्लेषण में चुने हुए प्रसंगो की अर्थ - छटाओं का विश्लेषण  किया गया है.

MHRD के स्नातकोत्तर  स्तरीय e-pathshala कार्यक्रम हेतु विकसित  वीडियो यूट्यूब पर उपलब्ध है. छात्र छात्राएं इसकी सहायता से श्रद्धा सर्ग की व्याख्या और श्रद्धा के प्रेरक व्यक्तित्व को समझ सकते हैं.


सोर्स : https://www.youtube.com/watch?v=s4XO9P4W2cc

Dr. Ramesh Kumar 
Associate Professor and Head 
Department of Hindi, S. V. College

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